रविवार, 10 मार्च 2019

मेरे हम सफर

तेरह को तेरा साथ मिला
  दो नयन मिले दिल एक मिला
तु मुझे मिली मैं तुझे मिला
जीवन पथ का एक साथी मिला
कंटिका युक्त पथ था मेरा
उस पथ पर मुझको पुष्प मिला
 ये म्लान कुसुम का हार तुझे
मैं सजल नयन भर देता हुँ
पच्चीस बरसों साथ मिला तेरा
इसलिए प्रणय कर लेता हूँ
मन मीत मिला एक गीत मिला
मैं राग खुशी के गाता हूँ
मेरा न हो थकान ना तुम थकना
अब आगे को कदम बढ़ता हूँ
        कवि