रविवार, 22 दिसंबर 2019

प्राणनाथ


प्रिये प्राणनाथ
             सादर प्रणाम 
तोहरा से झूठे झगड़ा कर 
        हम भाग के  अइली नहिरा  में 
सेकर फल हम अइसन पैलि
         की मनमा लॉटल तोहरा में 
मां बाप की चलती बंद हुई
          भाई भाभी का बोलबाल 
बबुआ के पापा रामराम 
             आबे के अब ना भाड़ा बा
रउआ के एक सहारा बा 
               हो गइल भारी गलती हमसे
रउआ बिन कौन हमारा बा 
                 बानी हम घोर हतासा में
बइठल बानी राउर आशा में
                  भोजन के भी आश्रित बानी
रितल बा सब पैसा तमाम 
                    बबुआ के पापा राम राम
                कवि

रविवार, 10 मार्च 2019

मेरे हम सफर

तेरह को तेरा साथ मिला
  दो नयन मिले दिल एक मिला
तु मुझे मिली मैं तुझे मिला
जीवन पथ का एक साथी मिला
कंटिका युक्त पथ था मेरा
उस पथ पर मुझको पुष्प मिला
 ये म्लान कुसुम का हार तुझे
मैं सजल नयन भर देता हुँ
पच्चीस बरसों साथ मिला तेरा
इसलिए प्रणय कर लेता हूँ
मन मीत मिला एक गीत मिला
मैं राग खुशी के गाता हूँ
मेरा न हो थकान ना तुम थकना
अब आगे को कदम बढ़ता हूँ
        कवि