बीबी जी थी गुस्से वाली ,
थूल थूल. मोटी कोयल सी काली,
खीज बनती थी वो रोटी,
जला हुआ कुछ कच्ची मोटी ,
पति मोहदय को जब देखी ,
ऐसा कस कर बेलन फेकी
सर पर आलु , चट उग आया,
दिन में तारा उन्हें दिखाया ,
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